Babumoshai Zindagi Dialogue In Hindi :- आनंद एक बॉलीवुड फिल्म है जो हमें जीने का सही तरीका सिखाती है। 19 के दशक में बनी यह फिल्म लोगों के दिलों को छू गई थी और आज भी लोग इस फिल्म के डायलॉग्स को याद करते हैं। इस फिल्म का सबसे लोकप्रिय डायलॉग बाबूमोशाय जिंदगी बड़ी होनी चाहिए बहुत ही पोपुलर हुई थी, साथ ही और भी डायलाग बोले गये थे। तो आइए आज हम फिर से babumoshai zindagi dialogue in Hindi याद करते हैं और पुरानी यादों को ताजा करते हैं।

Babumoshai Zindagi Dialogue In Hindi | आनंद मूवी बेस्ट डायलाग हिंदी में

बाबू मोशाय, जिंदगी बड़ी होनी चाहिए… लंबी नहीं
299+ Motivational Dialogue In Hindi | ऐसे मोटिवेशनल डायलाग जो आप में जोश भर दे
हम आने वाले गम को खींच तान कर आज की खुशी पर ले आते हैं… और उस खुशी में जहर घोल देते हैं
मानता हूं कि जिंदगी की ताकत मौत से ज्यादा भारी है… लेकिन ये जिंदगी क्या मौत से बत्तर नहीं
आनंद मरा नहीं, आनंद मरते नहीं…
बाबूमोशाय, जिंदगी और मौत ऊपर वाले के हाथ है… उससे ना तो आप बदल सकते हैं ना मैं… हम सब तो रंगमंच की कठपुतलियां है जिन्की डोर ऊपर वाले की उलझियों में बंधी है
Babumoshai, Zindagi Badi Honi Chahiye Lambi Nahi Which Movie Dialogue

कब, कौन, कैसे उठाएगा… ये कोई नहीं बता सकता है
99 Success Dialogue In Hindi | प्रेरणादायक विचार हिंदी में
मौत तो एक पल है… बाबू मोशाय
मौत तो एक कविता है…
ये भी तो नहीं कह सकते… मेरी उम्र तुझे लग जाए।
Anand Movie Dialogue In Hindi

दुख अपने लिए रख, आनंद सब के लिए”।
अपनी जिंदगी बढ़ी है लेकिन वक्त बहुत कम है। इसलिए जल्दी जल्दी जीना पड़ता है। हर काम की जल्दी है।
“हां आनंद, मैं जनता हूं तुम मेरा हिस्सा हो गए हो, मेरे जीने का हिस्सा”।
बाबूमोशाय, हमारी मुश्किल मालुम है, क्या है? हम आने वाले घूम को खींचे तन के आज की खुशी पे ले आते हैं और उस खुशी में जहर घोल देते हैं, बाबूमोशाय मैं आज थोड़े मरने वाला हूं, और मर भी गया तो यही रहेगा तुम्हारे साथ”।
Zindagi Badi Honi Chahiye Lambi Nahi Dialogue
“देखो बाबूमोशाय, हर एक बॉडी एक ट्रांसमीटर है और एक रिसीवर। बस उसकी बॉडी में से एक वाइब्रेशन निकली और मैंने पकड़ ली, बस दोस्ती हो गई”।
“उदासी खूबसूरत नहीं होती है बाबूमोशाय? तो क्या हर हंसी के पीछे सिर्फ खुशी रहती है बाबूमोशाय?”
“जब तक जिंदा हूं तब तक मारा नहीं, जब मर गया साला मैं ही नहीं… तो डर किस बात का?
मौत के डर से अगर जिंदा रहना छोड़ दिया, तो मौत किसी से कहते हैं। क्यू, दोस्त?”
Babumoshai Zindagi Dialogue In Hindi Movie
दवायों से रोग छूट सकते हैं, मगर गरीबी तो नहीं”।
आज तक तुम बोलते आए और मैं सुनता आया… आज मैं बोलूंगा और तुम सुनोगे
मरते मरते चेला गुरु को जीना सीख गया
जीना तो बंबई में…मरना तो बंबई में
Babumoshai, Zindagi Badi Honi Chahiye Lambi Nahi Which Movie Dialogue
आनंद को दोस्तों का शौक था, लगता था हर वक्त हर जगह, उससे किसी दोस्त की तलाश थी, ये 10-15 की गिंटी से बढ़ कर मैं उसकी दोस्ती सारी दुनिया से करवा चाहता था।
कब, कौन, कैसे उठाएगा … ये कोई नहीं बता सकता है।
ए बाबूमोशाय, देखो ना मेरा भी कोई नहीं और तुम्हारा भी कोई नहीं। जब तक हूं अपने पास ही रहने दो ना।
जिंदगी में मेरे दो ही शौक है बकबक करने का और खाना खाने का।
मैं मरने से पहले नहीं मरना चाहता… ये तो मैं ही जानता हूं कि ज़िंदगी के आख़िरी पड़ाव पर कितना अंधेरा है.
मैंने मौत को देखा तो नहीं, पर शायद वो बहुत ख़ूबसूरत है. कमबख़्त जो भी उससे मिलते हैं, जीना छोड़ देते हैं.
आपको मालूम है की आपको बीमारी क्या है? आपकी बॉडी जिस्म शरीर जो कि आहिस्ता आहिस्ता खत्म हो रहा है।
अरे यह डॉक्टर लोग कुछ नहीं जानते मैं तो अभी 80 साल जी लूंगा और उस हिसाब से तो अभी इंटरवल भी नहीं हुआ है।
खुशी तो तुम सबके साथ रोज बांटते हो आज मेरे साथ तुम अपना गम भी बांट लो
आज आनंद बोलते बोलते रुक गया कुछ कहते कहते अपना गम छुपा लिया उसने।
निष्कर्ष
आज के इस लेख में हमने आपको babumoshai zindagi dialogue in hindi के बारे में जानकारी दी। उम्मीद है कि आजकल एक आपको पसंद आया होगा। यदि आप इसी प्रकार के और भी डायलॉग्स के बारे में जानना चाहते हैं तो हमें कमेंट करके बताएं।