Major Ian Cardozo Biography In Hindi :- नमस्कार दोस्तों RishabhHelpMe Blog में आपका तहे दिल से स्वागत है, दोस्तों हाल ही अक्षय कुमार की फिल्म गोरखा रिलीज़ होने वाली है, जिसमे 1971 के indo – Pak वॉर में जाबाज गोरखा सिपाही Major Ian Cardozo के जीवन पर आधारित है |
इस फिल्म में अक्षय कुमार Ian Cardozo के मुख्य किरदार निभाने वाले है, साथ ही इसमें यह भी दिखाया गया है, की कैसे major Ian Cardozo ने अपने ही पैर काट कर कई उस वॉर में जीत दिलाई थी, तो चलिए जानते है, की Ian Cardozo कौन थे, और आने वाली फिल्म गोरखा किस प्रकार व्यूअर के दिल पर छाप छोड़ने वाली है |
Major Ian Cardozo Biography In Hindi
Name | Ian Cardozo |
Date of Birth | 7 August 1937 |
Birth Place | Mumbai, Maharashtra |
कार्य | Major General in Indian Army |
प्रचलित होने का कारण | 1971 की indo-pak लड़ाई में अपने हाथ से अपना पैर काट दिया |
कौन सी फिल्म बन रही है | Gurkha |
रेजीमेट | Gurkha Rifles |
देश | भारत |
मुख्य युद्ध | 1971 Indo Pak War |
Ian Cardozo Early Time | इयान कारडोजो के शुरुआती जीवन
इयान कार्डोज का जन्म 7 अगस्त 1937 में गुलाम भारत के बॉम्बे, प्रिंसली स्टेट में हुआ था। उन्होंने अपनी पढ़ाई को पूरा किया और भारतीय थल सेना के साथ लेफ्टिनेंट के रूप में कार्य शुरू किया। अपनी उच्चतम प्रतिभा और बेहतरीन कार्य कुशलता के कारण प्रमोशन लेते हुए जल्द हि मेजर जनरल के पद तक पहुंच पाए। आज मेजर जनरल इयान कार्डोस रिटायर हो चुके है और वर्तमान समय में विकलांग लोगों के लिए रोजगार सावधरण के राष्ट्रीय केंद्र में काम करते है।
इयान का बचपन मुंबई शहर में बीता है और उनकी पत्नी का नाम princely Cardozo है। उनके तीन बच्चे है और इयान भारतीय पुनर्वास परिषद के अध्यक्ष भी है। इन्हें भारतीय सरकार की तरफ से अति विशिष्ट सेवा पदक, सेना पदक, और परमवीर चक्र से सम्मानित किया गया है।
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1971 का भारतीय पाकिस्तान युद्ध कोई नहीं भूल सकता है। इस युद्ध में भारतीय सेना ने पाकिस्तानियों को हरा दिया था। युद्ध भारत के उत्तरी क्षेत्र में राजस्थान और कश्मीर के अलावा पूर्व क्षेत्र ढाका में भी लड़ा गया था। इस लड़ाई में भारतीय सेना ने लगभग 50,000 पाकिस्तानियों को सरेंडर करवाया था। इसी लड़ाई में भारत की गुरखा राइफल्स रेजीमेंट से इयान कार्डोस भी लड़ाई कर रहे थे। लड़ाई के दौरान उनका पैर टैंक में फंस गया और बारूद के गोले से वे जख्मी हो गए। इस विषम परिस्थिति में कारडोज ने अपने ही हाथ से अपना पैर काट दिया और दुश्मन के खिलाफ अपनी लड़ाई को जारी रखा।
Ian Cardozo का यह बलिदान हर भारतीय सेना का दिल झकझोर कर रख देता है। उन्होने गोरखा रेजिमेट के आन को बरकरार रखा और दुश्मनों को भारतीय सेना के अतुलनीय साहस का प्रमाण भी दिया। उनके इस अतुलनीय बहादुरी के ऊपर अक्षय कुमार गोरखा फिल्म बना रहे है, जो इस साल रिलीज होने वाली है।
Ian Cardozo Education | इयान कारडोजो की शिक्षा
इयान बचपन से ही पढ़ाई में काफी अच्छे थे उन्होंने अपना बचपन मुंबई शहर में बिताया है और वहीं से अपनी प्राथमिक शिक्षा हासिल की है। अपनी प्राथमिक शिक्षा पूरी करने के बाद सेंट जेवियर कॉलेज, मुंबई से उन्होंने स्नातक की डिग्री हासिल की है।
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अपनी स्नातक की पढ़ाई पूरी करने के बाद उन्होंने राष्ट्रीय रक्षा अकैडमी में दाखिला करवाया। कुछ सालों तक रक्षा अकैडमी में पढ़ाई करने और सेना के तौर-तरीकों को सीखने के बाद उन्होंने भारतीय थल सेना में नौकरी हासिल की। उनकी काबिलियत को देखते हुए उन्हें पांच गोरखा राइफल फ्रंट रेजीमेंट में दाखिला मिला। उन्होंने सालों तक गोरखा रेजीमेंट के पांचवे बटालियन का नेतृत्व किया और 1971 की लड़ाई में जब अपने बटालियन को लेकर वह आगे बढ़े तब वह मेजर जनरल के पद पर कार्य कर रहे थे।
Ian Cardozo Family | इयान कारडोजो की फॅमिली
इयान के परिवार में वर्तमान समय में उनकी पत्नी और उनके तीन बच्चे है। उनके तीन बेटे है मगर वह इस वक्त क्या कर रहे है इसकी जानकारी हमें नहीं मिल सकी है। वह मुंबई शहर के मूल निवासी है और बहुत ही कम उम्र में उनका विवाह Princely Cardozo से हो गया था।
हालांकि वह एक सामान्य वर्ग परिवार से संबंध रखते है उनकी माता का नाम डायना कार्डोज़ो और पिता का नाम विन्सेंट कार्डोज़ो था। वे एक सामान्य व्यक्ति थे जो किसी कंपनी में कलर के रूप में काम करते थे। इयान बचपन से ही पढ़ाई में अच्छे थे और जब उनका दाखिला भारतीय रक्षा अकैडमी में हुआ तब उन्हें भारतीय सेना के प्रति आकर्षण पैदा हुआ और वहां से उन्होंने अपना लक्ष्य एक भारतीय सैनिक का बनाया।
Ian Cardozo पर कौन सी फिल्म बन रही है?
Ian Cardozo एक बहादुर गोरखा सिपाही थे जिन्होंने 1971 की लड़ाई में अपने हाथ से अपना पैर काट लिया था और उनके इस अतुल्य साहस पर अक्षय कुमार के द्वारा गोरखा फिल्म बनाया जा रहा है।
गोरखा फिल्म का टीजर रिलीज हो चुका है आप उस टीजर में अक्षय कुमार को Ian Cardozo की भूमिका में देख सकते है। इस फिल्म पर अभी काम चल रहा है और जल्द ही इसके ट्रेलर और रिलीज डेट के बारे में भी बताया जाएगा। इस फिल्म में भारतीय सेना के गोरखा जवानों के बारे में अच्छे से बताया गया है। आप इस फिल्म को देखकर समझ पाएंगे कि गोरखा का नाम पूरी दुनिया में क्यों एक सर्वश्रेष्ठ आर्मी के रूप में लिया जाता है।
इस फिल्म को एक गोरखा जवान की कार्य कुशलता, Ian Cardozo का जीवन, और 1971 की इंडिया पाकिस्तान लड़ाई पर केंद्रित किया गया है। अभी तो इस फिल्म के रिलीज डेट के बारे में किसी भी प्रकार की जानकारी साझा नहीं की गई है मगर जल्द ही आपको यह फिल्म देखने को मिलेगी।
Movie Name | Gurkha |
Actor | Akshay Kumar |
Actress | Not Known |
Based on | Major General Ian Cardozo |
Genre | Action, Adventure |
Country | India |
क्या हुआ था 1971 की लड़ाई में?
1971 से पहले बांग्लादेश नाम के देश का कोई नामोनिशान नहीं था। उसे पूर्वी पाकिस्तान के नाम से जाना जाता था। यहां भी मुसलमानों की संख्या ज्यादा थी मगर पश्चिमी पाकिस्तान के लोग पूर्वी पाकिस्तानियों को परेशान किया करते थे। दोनों पाकिस्तान देशों के बीच मनमुटाव बढ़ रहा था और बीच में भारत को परेशानी झेलनी पड़ रही थी। बात 1971 की है जब प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी ने पाकिस्तानियों की बदतमीजी को बंद करने का एलान किया।
उस समय पूर्वी पाकिस्तान और पश्चिमी पाकिस्तान के साथ भारत का युद्ध शुरू हुआ। इस युद्ध को 1971 का indo-pak war कहा गया। यह युद्ध पश्चिमी पाकिस्तान की आजादी के लिए शुरू किया गया था। Ian Cardozo o पहले ही प्रत्यक्ष रूप से युद्ध का हिस्सा नहीं बने, मगर जब उनका एक मित्र युद्ध में शहीद हो गया तब उन्हें उसकी जगह पर युद्ध करने का मौका मिला।
Ian Cardozo 4/5 गोरखा राइफल का नेतृत्व करते हुए युद्ध में शामिल हुए थे। इस लड़ाई को पूरी तरह से पलटकर रखने में हेलीकॉप्टर मिशन सबसे अहम भूमिका निभाता है। इयान उस मिशन का हिस्सा बने और जब अपने हेलीकॉप्टर मिशन को अंजाम देने वह गंतव्य स्थान पर पहुंचे तो वहां पाकिस्तानियों की बहुत बड़ी सेना पहले से मौजूद थी। Ian Cardozo की टुकड़ी बहुत छोटी थी मगर इसके बावजूद उन्होंने हार नहीं माना और अपनी लड़ाई को जारी रखा।
इस मिशन के दौरान कई दिनों तक Ian उस जगह पर फेस रहे और लड़ाई करते रहे। गोली बारूद खत्म हो रहा था और खाना भी ख़त्म हो चुका था, ऐसी परिस्थिति में लड़ाई हर पल के साथ और गंभीर बनती जा रही थी। उनके मिशन का काम बांग्लादेश के निर्दोष लोगों को जेल से आजाद करने का था।
बीएसएफ के साथ गोरखा बटालियन मिलकर जब इस मिशन पर काम कर रही थी तब Ian Cardozo कैदियों को जेल से निकालने के लिए आगे बढ़े। अभी वह कुछ कदम ही चले थे कि उनका पैर एक लैंडमाइन के नीचे पड़ा और एक जोरदार धमाका हुआ और इयान कई फूट दूर गिर गए। उनके शरीर से बेतहाशा खून बह रहा था और आंखों के आगे अंधेरा छा गया था। वहा Ian Cardozo के पास कोई नहीं था, और लड़ाई गंभीर बनती जा रही थी। ऐसी परिस्थिति में उन्होंने अपनी खुर्की से अपना पैर काट दिया जिससे बारूद का जहर शरीर में ना फैल जाए। इसके बाद एक स्थानीय बांग्लादेशी ने उन्हें पास के भारतीय कैंप में पहुंचाया।
वहां भारतीय सेना के पास किसी भी प्रकार की मेडिकल सुविधा नहीं थी लड़ाई में भीषण रूप से हावी हो कर पाकिस्तानियों के एक चिकित्सक को अपने कैंप में जबरदस्ती लाया गया और इयान को मेडिकल सुविधा दी गई। इसके कुछ दिनों के बाद भारतीय बिगुल बज उठा और पूरी दुनिया को पता चला कि किस तरह भारतीय सैनिकों ने 50,000 से अधिक पाकिस्तानी सैनिकों को जमीन पर बैठा कर आत्मसमर्पण के कागज पर हस्ताक्षर करवाया गया।
Ian Cardozo अतुलनीय बहादुरी सूज भुज और दृढ़ निश्चय शक्ति के लिए उन्हें सेना पदक से सम्मानित किया गया। इसके बाद उन्हें अति विशिष्ट सेना मेडल से भी सम्मानित किया। वह पहले विकलांग मेजर जनरल भी बने।
Ian Cardozo career | इयान कारडोजो का करियर
इयान बहुत ही कम आयु में भारतीय थल सेना के साथ जुड़ गए थे। उन्होंने भारतीय सेना के साथ अलग अलग मिशन पर काम किया और अपने जीवन में विभिन्न लड़ाईयों का हिस्सा रहे। उनके करियर की सबसे बड़ी लड़ाई 1971 की indo-pak लड़ाई थी। इस लड़ाई में इयान बारूद के गोले से जख्मी हो गए थे और अपने हाथ से अपने पैर को काटकर अलग कर दिया था।
इसके लिए उन्हें सेना पदक, अति विशिष्ट सेवा मेडल से सम्मानित किया गया था। गोरखा रेजीमेंट में उन्हें खुर्की साहब के नाम से भी जाना जाता है। गोरखा जवान उनका नाम का सही से उच्चारण नहीं कर पाते थे इस वजह से उन्हें खुर्की साहब के नाम से बुलाते थे। रेजिमेंट में ट्रेनिंग के दिनों से ही वह खुर्की चलाने में माहिर थे। उनके पैर काटने वाले कुर्की अनुभव के बाद उनके कुर्की साहब का नाम और प्रचलित हो गया।
वर्तमान समय में इयान कारडोज 86 वर्ष के हो चुके है। आज भारतीय सेना से वह रिटायर हो चुके है मगर भारतीय पुनर्वास परिषद के अध्यक्ष के रूप में कार्य कर रहे है। इसके अलावा वह एक ट्रस्ट के साथ वह जुड़े हुए है जो विकलांग लोगों के रोजगार पर कार्य करता है।
निष्कर्ष
आज इस लेख में हम आपको Ian Cardozo biography in Hindi के बारे में विस्तार पूर्वक जानकारी दी है। इस लेख में हमने आपको भारतीय सेना के इस परमवीर के बारे में विस्तारपूर्वक जानकारी सरल शब्दों में देने का प्रयास किया है।
अगर हमारे द्वारा साझा की गई जानकारियों को पढ़ने के बाद आप Ian Cardozo और उनके बलिदान को अच्छे से समझ पाए है तो इसे अपने मित्रों के साथ भी साझा करें साथ ही अपने सुझाव और विचार कमेंट में बताना ना भूलें।