रानी लक्ष्मी बाई का जीवन संघर्षों और प्रेरणा से भरा हुआ था। किया केवल स्त्रियों के लिए ही नहीं बल्कि पुरुषों के लिए भी प्रेरणा मानी जाती है। इन्होंने अपने साहस शौर्य और सौंदर्य से भारतीय इतिहास रचा है जिसके कारण हर लोग झांसी की रानी को अपनी प्रेरणा मानते हैं।
Jhansi Ki Rani Dialogues In Hindi
स्कूलों के Fancy dress competition में भी बच्चे झांसी की रानी बनाना ज्यादा पसंद करते हैं इसलिए आज हम आपके लिए कुछ rani laxmi bai dialogue in Hindi for fancy dress और jhansi ki rani dialogues in Hindi लेकर आए है जो आपको उनके जीवन से संबंधित और भी सीखने की प्रेरणा देगी।
अगर हाथों में किस्मत की लकीरें ना हो… तो चाकू से चिर के दिखा देना चाहिए
जरूरी नहीं है जिंदगी में सब कुछ सीखना…सिर्फ एक बात सीख लो सब कुछ आ जाएगा…और वो है मातृभूमि से निस्वार्थ प्रेम
दीन दीन हर हर महादेव की चिंगारी को हमें पूरे देश में जगाना है… आजादी तो एक दिन मिलने ही है… मगर उससे पहले हमें अपने को जगना है
मैं वो मशाल बनूंगी जो हर भारतीय के अंदर आजादी की भूख बनकर दहकेगी
हम लड़ेंगे ताकि आने वाली पीढ़ियां आजादी का उत्सव मनाये… हम लड़ेंगे और छत्रपति शिवाजी महाराज के स्वराज के सपने को पुर्नजीवित करेंगे…’
Rani Laxmi Bai Slogan In English
आज के लिए नहीं….आप कल के लिए लड़ रहे हैं”
जब बेटी उठ खड़ी होती है तभी विजय बड़ी होती है…
मैं रानी लक्ष्मीबाई प्रतिज्ञा करती हूं, जबतक मेरे शरीर में रक्त की आखिरी बूंद है मैं झांसी की रक्षा करुंगी…
झांसी आप भी चाहते हैं और मैं भी… फर्क सिर्फ इतना है आपको राज करना है और मुझे अपनों की सेवा…
मैं अपनी झांसी नहीं दूंगी
रानी लक्ष्मी बाई के नारे इन हिंदी
हमारी संस्कृति में पहले शांति और फिर क्रांति को जगह दी गई है
वो लड़ रहे हैं ताकी हमपर राज कर सके… हम लड़ रहे हैं ताकी खुद पर नाज कर सके
मौत तक बढ़ेंगे और जीत तक लड़ेंगे
Jhansi Ki Rani Dialogues In Hindi For Fancy Dress
अंग्रेजी हमारा हुनर हो सकती है… हमारी मातृभाषा नहीं… क्योंकि मातृभाषा मां होती है… और मां सिर्फ एक होती है
ये सर न डर से झुकता है… ना अभिमान से उठा है… बस आंखों में आंखें डाल स्वाभिमान से अदा रहता है
ये राज महल, ये सिंघासन मुझे रानी नहीं बनता है… झांसी के लोगों का प्यार, उनका विश्वास मुझे रानी बनाता है
झांसी की रानी शायरी
झांसी की रानी के नारे
हर औरत के अंदर है झाँसी की रानी,
कुछ विचित्र थी उनकी कहानी
मातृभूमि के लिए प्राणाहुति देने को ठानी,
अंतिम सांस तक लड़ी थी वो मर्दानी।
अपने हौसले की एक कहानी बनाना,
हो सके तो खुद को झांसी की रानी बनाना।
कानपूर के नाना की, मुँहबोली बहन छबीली थी,
लक्ष्मीबाई नाम, पिता की वह संतान अकेली थी,
नाना के सँग पढ़ती थी वह, नाना के सँग खेली थी,
बरछी, ढाल, कृपाण, कटारी उसकी यही सहेली थी।
चित्रा ने अर्जुन को पाया, शिव को मिली भवानी थी,
बुंदेले हरबोलों के मुँह हमने सुनी कहानी थी,
खूब लड़ी मर्दानी वह तो झाँसी वाली रानी थी॥
हुई वीरता की वैभव के साथ सगाई झाँसी में,
ब्याह हुआ रानी बन आई लक्ष्मीबाई झाँसी में,
राजमहल में बजी बधाई खुशियाँ छाई झाँसी में,
सुघट बुंदेलों की विरुदावलि-सी वह आयी थी झांसी में।
महाराष्ट्र-कुल-देवी उसकी भी आराध्य भवानी थी,
बुंदेले हरबोलों के मुँह हमने सुनी कहानी थी,
खूब लड़ी मर्दानी वह तो झाँसी वाली रानी थी॥
Conclusion
आज के इस लेख में हमने jhansi ki rani dialogues in hindi के बारे में जानकारी प्राप्त की। उम्मीद के आज का यह लेख आपको पसंद आया होगा। यदि आप इस प्रकार के और dialogues पाना चाहते है तो हमे कमेंट करके बताएं।