फिर से वाइट बॉल क्रिकेट और रेड बॉल क्रिकेट के लिए अलग-अलग टीमों के लिए बहस शुरू हो गई है। इस बार भारत के पूर्व कप्तान और मुख्य कोच अनिल कुंबले ने रेड बॉल टीम और वाइट बॉल क्रिकेट टीम के लिए अलग-अलग टीम के निर्माण के लिए सुझाव दिया है और कहा है कि यह फैसला टीम के लिए सफलता पाने का और आगे बढ़ने का एक अच्छा रास्ता होगा।
अनिल कुंबले ने टीम को लेकर रखा अपना पक्ष
पूर्व भारतीय कप्तान अनिल कुंबले का मानना है कि इंटरनेशनल क्रिकेट में आगे बढ़ने के लिए टी20 और टेस्ट क्रिकेट में पूरी तरह से अलग टीम होनी चाहिए।
जब से इंग्लैंड ने वनडे और टी20 क्रिकेट में सफलता हासिल की है तब से ही सफेद गेंद और लाल गेंद से खेले जाने के लिए अलग-अलग टीमों की मांग शुरू हो गई है।
कुंबले ने कहा इंडिया को ऑलराउंडर पर निवेश करने की जरूरत है
कुंबले ने इंग्लैंड और ऑस्ट्रेलिया का उदाहरण देते हुए टीम इंडिया को कहा कि ऑलराउंडर में अधिक निवेश करना चाहिए जिससे कि टीम इंडिया आगे बढ़ सके।
कुंबले ने बयान में कहा कि जिस तरह इंग्लैंड के पास सफेद गेंद वाले क्रिकेट में मुख्य कप्तान जोस बटलर हैं और लाल गेंद वाले क्रिकेट में ब्रेन स्टॉक्स कप्तान है उसी प्रकार इंडिया को भी अपनी टीम में विभाजन करना चाहिए और अलग-अलग टीम के लिए मांग करनी चाहिए।
इसके साथ ही कुंबले ने कहा कि ऑस्ट्रेलिया में इस समय लियाम लिविंगस्टोन सातवें नंबर पर बल्लेबाजी करते हैं, परंतु अन्य किसी क्रिकेट टीम में लिविंगस्टोन सातवें नंबर पर बल्लेबाजी नहीं करते। उसी प्रकार आपको अपने अलग-अलग क्रिकेट में बदलाव करने की जरूरत है।
ऑस्ट्रेलिया ने भी अलग-अलग टीम पर विचार करने के लिए सुझाव दिया
ऑस्ट्रेलिया के पूर्व खिलाड़ी टॉम मुडी ने भी इस बात पर विचार करने के लिए कहा है कि यह आगे बढ़ने का रास्ता हो सकता है। जिस तरह इंग्लैंड के टेस्ट और t20 ओवरों की टीमों में काफी अंतर है और उन्होंने अच्छे खिलाड़ी तैयार किए हैं। उसी प्रकार भारत को भी इस पर गंभीरता से विचार करने की जरूरत है।