होली पर निबंध – Holi Essay in Hindi

होली पर निबंध – Holi Essay in Hindi

होली पर निबंध – Holi Essay in Hindi. होली का त्यौहार पूरे भारतवर्ष में बड़ी धूमधाम से मनाया जाता है होली का इंतजार लोग सर्दी से ही करना शुरू कर देते हैं, होली में जो धूम मचाई जाती है और रंगों के साथ यह होली का त्योहार भारत के लोगों के लिए तथा सभी हिंदू लोगों के लिए काफी हर्षोल्लास वाला त्योहार माना जाता है इस त्यौहार के दिन सभी लोग एक दूसरे से गले मिलते हैं तथा रंग के साथ  खेलकर होली के पर्व को और ज्यादा मनमोहित बना | 

या जाता है होली के त्यौहार में बच्चे बूढ़े सभी एक साथ रंगों से खेलते हैं यह त्योहार पूरे भारतवर्ष में काफी धूमधाम से मनाया जाता है और इस दिन लोग घर में कई प्रकार के पकवान बनाकर भी इस त्योहार को मनाते हैं|

होली पर निबंध हिंदी में | Holi Essay in Hindi

होली का त्योहार एक ऐसा त्योहार है जो फाल्गुन मास की पूर्णिमा के दिन मनाया जाता है यह त्यौहार दो से 3 दिन तक मनाया जाता है इस त्यौहार का पहला दिन होलिका दहन के रूप में मनाया जाता है दूसरा दिन धुलन्डी के रूप में मनाया जाता है और तीसरा दिन भाई दूज के रूप में मनाया जाता है इस त्यौहार के तीनों दिन बड़े हर्षोल्लास के साथ पूरे भारतवर्ष में सभी हिंदू धर्म के लोगों द्वारा मनाए जाते हैं|

होली एक ऐसा त्योहार है जो पूरे भारत देश में मनाया जाता है। होली का इंतजार सभी लोग करते हैं। होली रंगो का त्योहार है। होली पर सब अपने गिले, शिकवे भुला कर एक दूसरे को गले लगाते है। होली का त्योहार 2,3 दिन तक बड़े ही धूम धाम से मनाया जाता है।  कई लोग रंगों के साथ होली मनाते हैं तो कई लोग  भांग  पीकर होली मनाते हैं  चंग के साथ होली के दिन कई प्रकार के फागुन  गाने भी गाए जाते हैं होली आने पर सभी के घरों में अलग अलग तरीके की विभिन्न प्रकार की मिठा़ईयां बनती हैं। कुछ लोगों को बस होली के बारे में यही पता होता है कि होली रंगो का त्योहार होता है। लेकिन वो यह नहीं जानते कि होली क्यों मनायी जाती है|

आज हम इस आर्टिकल के माध्यम से होली का क्या इतिहास है और होली कब से मनाई जा रही है इस कारण की वजह से होली मनाई जाती है होली के त्यौहार को कैसे मनाया जाता है इन सभी टॉपिक पर चर्चा करेंग |

होली एक प्राचीन त्यौहार

होली का त्योहार रंगो के त्योहार के नाम से भी प्रचलित है यह त्यौहार सदियों से मनाया जा रहा है हिंदू धर्म के त्योहारों में होली काफी प्राचीन त्योहार माना जाता है यह त्यौहार ईशा मसीह के जन्म के कई सदियों पहले से ही मनाया जा रहा है यह त्योहार फाल्गुन मास की पूर्णिमा को मनाया जाता है होली का वर्णन जैमिनि के पूर्वमिमांसा सूत्र और कथक ग्रहय सूत्र में भी है।

प्राचीन भारत के मंदिरों की दीवारों पर भी होली की मूर्तियां बनी हैं। ऐसा ही 16वीं सदी का एक मंदिर विजयनगर की राजधानी हंपी में है। इसके अलावा कई मंदिरों तथा पुराने ग्रंथों में भी होली के त्योहार को मनाने के कई सबूत लिखे हुए हैं इस मंदिर में होली के कई दृश्य हैं जिसमें राजकुमार, राजकुमारी अपने दासों सहित एक दूसरे पर रंग लगा रहे हैं।

होली  का इतिहास

प्राचीन समय में हिरण्यकश्यप नाम का एक असुर धरती पर हुआ करता था उसकी एक दुष्ट बहन होलिका भी थी हिरण्यकश्यप अपने आप को भगवान मानता था और प्रजा में डर पैदा करके लोगों को भगवान श्री राम की माला जपने की बजाय अपने नाम की माला जपने की सलाह देता था हिरण्यकश्यप उस समय उस जगह का राजा था और लोग उसकी बात को  मजबूरन स्वीकार करते थे लेकिन हिरण्यकश्यप का एक पुत्र था जिसका नाम पहलाद था|

जो भगवान विष्णु का बड़ा भक्त था और इस पर हिरण्यकश्यप काफी ज्यादा गुस्सा होते थी और उन्हें कई बार भगवान विष्णु की भक्ति करने से रोका करते थे लेकिन हजारों पर यहां के बावजूद भी पहलाद भगवान विष्णु की भक्ति करना नहीं रुके और हर समय अपनी जुबान पर भगवान श्री राम कथा भगवान विष्णु का नाम ही जपा करते थे हालांकि हिरण्यकश्यप उन्हें कई बार मना कर चुके थे लेकिन पहलाद अपने पिता की बातों को बिल्कुल ध्यान ना देते हुए भगवान विष्णु की भक्ति में लीन थे |

हिरण्यकश्यप ने पहलाद को कई बार मारने का प्रयास भी का किया लेकिन भगवान विष्णु की भक्ति इतनी सटीक थी  कि भगवान विष्णु खुद पहलाद को कई बार मरने से बचा दिया एक बार जब अंतिम प्रयास में हिरण्यकश्यप की बहन को आग में ना चलने का वचन मिला हुआ था तो अपने भाई के आदेश अनुसार भगवान विष्णु के भक्त पहलाद को गोद में लेकर अपने आप को आग के हवाले कर दिया और होलिका ने यह सोचा था कि मुझे तो आग में ना जलने का वचन मिला हुआ है |

लेकिन पहलाद को ऐसा कोई वचन नहीं मिला हुआ है और पहलाद इस आग में जलकर राख हो जाएगा लेकिन भगवान विष्णु की भक्ति के चलते यह पलड़ा उल्टा हो गया और पहलाद उस आग से बच कर जिंदा निकल गया तथा होलिका जलकर राख हो गई उसी दिन से यह सब कार्यक्रम करके होली का त्यौहार मनाया जाता है जिसमें होलिका दहन के समय पहलाद को बचाया जाता है |

तथा होलिका को जलाकर राख कर दिया जाता है उसके बाद भी हिरण्यकश्यप पहलाद को मारने का और प्रयास करते हैं अंत में भगवान विष्णु खुद नरसिंह का रूप धारण करके  हिरण्यकश्यप को मारने के लिए आते हैं और अपने हाथों से इस दुष्ट का अंत करते हैं और इसी कारण से यह त्यौहार सदियों से मनाया जाता है यह कहानी ये बताती है कि बुराई पर अच्छाई की जीत अवश्य होती है।

होली का त्यौहार कैसे मनाया जाता है

होली पूरे देश भर में फाल्गुन के महीने की पूर्णिमा के दिन मनाई जाती है होली हिंदुओं का एक प्रमुख त्योहार माना जाता है सभी हिंदू लोग इस त्यौहार को बड़े हर्षोल्लास के साथ मनाते हैं होली का त्यौहार कई सदियों से मनाया जा रहा है यह त्यौहार 3 दिन तक मनाया जाता है पहले दिन होलिका दहन किया जाता है दूसरे दिन गोवर्धन पूजा करके सभी आपसी संबंधियों को गले लगा कर जश्न मनाया जाता है और तीसरे दिन यह त्यौहार भाई दूज के रूप में मनाया जाता है इन तीनों दिनों में ही लोग रंगों के साथ एक दूसरे को रंग लगाकर इस त्यौहार को और ज्यादा रोमांचक बनाते हैं यह त्योहार मनाने के पीछे एक पुराना इतिहास है और यह त्योहार सदियों से उसी इतिहास के कारण मनाया जा रहा है बताया जाता है|

भारत में होली का उत्सव अलग-अलग प्रदेशों में अलग अलग तरीके से मनाया जाता है। अलग-अलग रीति-रिवाजों के साथ यह त्यौहार अलग-अलग इलाकों में अलग-अलग तरीके से मनाया जाता है यह त्यौहार पूरी भारतवर्ष का एक आकर्षक नीतू माना जाता है इस त्यौहार में पुरुषों द्वारा महिलाओं पर रंग डालना तथा महिलाओं द्वारा पुरुषों पर रंग डालने की प्रथा काफी प्रचलित है इस त्यौहार में लोग सफेद कपड़े पहन कर फिर होली खेलते हैं और होली खेलते वक्त  इन सभी रंगों से वह कपड़े रंगीन हो जाते हैं  इसके अलावा भारत की संस्कृति में होली खेलने के और भी कई तरीके हैं|

होली समारोह का कार्यक्रम

होली का त्योहार सिर्फ 1 दिन का त्यौहार नहीं है यह त्योहार तीन दिनों तक मनाया जाने वाला एक प्राकृतिक पर्व माना जाता है हिंदू धर्म के लोगों के लिए यह सबसे प्राचीन तथा एक खूबसूरत पर्व है जिसे लोग काफी हर्ष उल्लास के साथ मनाते हैं यह पर्व इन दिनों में खत्म होता है 3 दिनों तक लोग इसे धूमधाम से मनाते हैं पूरे देश भर में होली की तैयारियां एक महीने पहले ही शुरू हो जाती है |

दिन 1 – पूर्णिमा के दिन एक थाली में रंगों को सजाया जाता है और परिवार का सबसे बड़ा सदस्य बाकी सदस्यों पर रंग छिड़कता है। तथा शाम को होलिका दहन किया जाता है जिसमें होलिका को जलने दिया जाता है और पहलाद को खींचकर बाहर निकाला जाता है और पहलाद की जान बचाई जाती है |

दिन 2 –  दूसरे दिन परिवार वालों के साथ तथा घरवालों के साथ रंगों से होली खेली जाती है इसमें लोग एक-दूसरे को रंग लगाते हैं  इस दिन एक दूसरे पर रंग और पानी डाला जाता है। भगवान कृष्ण और राधा की मूर्तियों पर भी रंग डालकर उनकी पूजा की जाती है।

दिन 3 – यह पर्व भाई दूज के रूप में मनाया जाता है  इस दिन लोग एक दूसरे से मिलने के लिए आते हैं |

अंतिम विचार

तो दोस्तों आज की पोस्ट में अपने जाना की होली त्यौहार क्या है, और इसे कैसे मनाया जाता है, साथ ही हमने होली पर उन बच्चो के लिए निबंध लिखा है, जो आज के टाइम पर ज्यदा पसंद किया जाता है

तो दोस्तों अगर आपको होली पर निबंध पसंद आया हो तो प्लीज इसे अपने सोशल मीडिया और फ्रेंड्स के बीच जरूर से जरूर शेयर करे |

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